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बायोग्राफी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में गोलवलकर का महत्वपूर्ण योगदान (द्वितीय सरसंघचालक)

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श्री माधव सदाशिव गोलवलकर (गुरुजी) 1940 से 1973 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के द्वितीय सरसंघचालक रहे। उनके नेतृत्व में संघ एक क्षेत्रीय संगठन से राष्ट्रीय स्तर पर फैल गया और पूरे भारत में हजारों शाखाएँ स्थापित हुईं।

उन्होंने संघ की विचारधारा को हिंदुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर आधारित किया, जिसे उनकी पुस्तक "बंच ऑफ थॉट्स" में विस्तार से प्रस्तुत किया गया है। गुरुजी ने सामाजिक सेवा, ग्रामीण विकास, और आपदाओं के समय राहत कार्य को प्राथमिकता दी। उनके नेतृत्व में विश्व हिंदू परिषद (VHP), भारतीय मजदूर संघ (BMS), और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) जैसे संगठनों की स्थापना हुई।

देश विभाजन और 1948 में RSS पर लगे प्रतिबंध के दौरान, उन्होंने संगठन को एकजुट रखा और राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता, और छुआछूत मिटाने का संदेश दिया। उनके नेतृत्व ने संघ को राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया, जिससे भविष्य के कई नेताओं और संगठनों पर गहरा प्रभाव पड़ा।