राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस): हिंदू समाज और राष्ट्र निर्माण के प्रयास
आरएसएस के दर्शन और उद्देश्य
- सांस्कृतिक राष्ट्रवाद: भारतीय संस्कृति और मूल्यों का प्रचार और संरक्षण।
- चरित्र निर्माण: व्यक्तियों और समाज के नैतिक और बौद्धिक विकास पर जोर।
- समाज सेवा: सेवा और समानता के माध्यम से सामाजिक एकता को बढ़ावा देना।
आरएसएस के योगदान
1. हिंदू संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण
- मंदिरों का संरक्षण: प्राचीन मंदिरों के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए प्रयास।
- त्योहारों का प्रचार: राम नवमी, जन्माष्टमी, और विजयादशमी जैसे त्योहारों के महत्व को बढ़ावा देना।
- धर्मस्थलों की सुरक्षा: हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमलों के विरोध में सक्रिय भूमिका।
2. हिंदू एकता को सशक्त बनाना
- "हिंदवः सोदरा सर्वे" का संदेश देकर जाति, भाषा, और क्षेत्रीय मतभेद मिटाने का प्रयास।
- सामाजिक समरसता अभियान चलाकर विभाजन कम करने और एकता को बढ़ावा देना।
3. राम जन्मभूमि आंदोलन
- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए लंबा और संगठित संघर्ष।
- कानूनी और सामाजिक स्तर पर प्रयास, जो 2020 में भव्य राम मंदिर निर्माण की शुरुआत में परिणित हुआ।
4. धर्मांतरण रोकने के प्रयास
- "घर वापसी" अभियान के माध्यम से जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध।
- समाज में धर्मांतरण के प्रति जागरूकता और शिक्षा का प्रसार।
5. शिक्षा और सांस्कृतिक जागरूकता
- सरस्वती शिशु मंदिर और विद्या भारती जैसे स्कूलों के जरिए पारंपरिक भारतीय शिक्षा का प्रचार।
- नई पीढ़ी तक गौरवशाली हिंदू इतिहास और परंपराओं को पहुंचाने का प्रयास।
6. आपदा प्रबंधन और सेवा कार्य
- भूकंप, बाढ़, और अन्य आपदाओं के समय राहत कार्यों में सक्रिय योगदान।
- COVID-19 महामारी के दौरान राशन, दवा और अन्य सहायता सेवाएं प्रदान कीं।
7. सामाजिक सुधार और दलित सशक्तिकरण
- छुआछूत और भेदभाव खत्म करने के लिए अभियान।
- दलित और आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वावलंबन के लिए विशेष योजनाएं।
8. वैश्विक हिंदू जागरूकता
- विश्व हिंदू परिषद (VHP): हिंदू धर्म और संस्कृति का वैश्विक स्तर पर प्रचार।
- विदेशों में हिंदुओं के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए प्रयास।
9. स्वदेशी और आत्मनिर्भर भारत का प्रचार
- स्वदेशी उत्पादों के उपयोग और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।
- ग्रामीण कुटीर उद्योग और स्व-रोजगार के लिए प्रेरणा।
आरएसएस का संगठनात्मक ढांचा
- शाखाएं: दैनिक और साप्ताहिक बैठकें, जिनमें शारीरिक व्यायाम, बौद्धिक चर्चा, और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं।
- स्वयंसेवक: सदस्यता स्वैच्छिक है, और प्रतिभागियों को स्वयंसेवक कहा जाता है।
- संघ परिवार: आरएसएस से प्रेरित संगठनों में भाजपा, वीएचपी, एबीवीपी, और बीएमएस शामिल हैं।
आरएसएस के खिलाफ आलोचनाएं और चुनौतियां
- धार्मिक असहिष्णुता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के आरोप।
- भाजपा के साथ इसके राजनीतिक जुड़ाव पर प्रश्न।
- अनुच्छेद 370, सीएए-एनआरसी, और राम जन्मभूमि आंदोलन जैसे मुद्दों पर इसकी भूमिका विवादित रही।
नवीनतम प्रयास और पहल
- आत्मनिर्भर भारत अभियान और स्वदेशी आंदोलन को बल।
- पर्यावरण संरक्षण और कौशल विकास पर ध्यान।
- COVID-19 महामारी में व्यापक राहत कार्य।
निष्कर्ष
आरएसएस ने अपने सेवा कार्यों और सामाजिक सुधार अभियानों के जरिए हिंदू समाज को एकजुट और सशक्त बनाने का प्रयास किया है। आलोचनाओं के बावजूद, इसका योगदान सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्र निर्माण में अहम रहा है।