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बायोग्राफी

वीर सावरकर: हिंदुत्व के शिल्पकार और क्रांतिकारी प्रतीक

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विनायक दामोदर सावरकर का जीवन परिचय:

विनायक दामोदर सावरकर का जन्म एक सामान्य ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नासिक में प्राप्त की और बाद में इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई की। इंग्लैंड में रहकर उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए संघर्ष करने का संकल्प लिया। उन्होंने 1909 में भारत लौटते समय ब्रिटिश सरकार के खिलाफ एक सशस्त्र क्रांतिकारी प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और अंडमान की काला पानी की जेल में भेज दिया गया।

वह जेल में लगभग दस वर्षों तक रहे, जहां उन्होंने अपनी किताबें लिखीं और अपनी विचारधारा का विस्तार किया।

विनायक दामोदर सावरकर का योगदान:

  1. स्वतंत्रता संग्राम: सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से शामिल हुए और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को महत्वपूर्ण माना। उन्होंने 1857 के विद्रोह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला युद्ध घोषित किया।
  2. हिंदुत्व का विचार: सावरकर ने हिंदुत्व को एक राजनीतिक और सांस्कृतिक सिद्धांत के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में परिभाषित किया गया। उनका मानना था कि भारत का सांस्कृतिक और धार्मिक आधार हिंदू धर्म है।
  3. इतिहास लेखन: सावरकर ने "The History of the First War of Indian Independence" नामक पुस्तक लिखी, जिसमें 1857 के विद्रोह को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला युद्ध के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की ऐतिहासिक भूमिका को पुनः स्थापित किया।
  4. स्वदेशी आंदोलन: सावरकर ने स्वदेशी उत्पादों का उपयोग बढ़ाने और ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए आंदोलन चलाए। उन्होंने भारतीयों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कड़ा विरोध किया और स्वदेशी उद्योगों की सराहना की।

विनायक दामोदर सावरकर की शिक्षाएं:

  1. स्वतंत्रता के लिए संघर्ष: सावरकर ने हमेशा यह कहा कि भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने संघर्ष को तेज़ और प्रभावशाली बनाना चाहिए। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष को सही बताया और अपने विचारों को विस्तार से प्रस्तुत किया।
  2. हिंदुत्व का आदर्श: सावरकर का मानना था कि भारत की संस्कृति और पहचान को बनाए रखने के लिए हिंदुत्व को एक सशक्त विचारधारा के रूप में प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने हिंदू एकता और सांस्कृतिक जागरूकता की आवश्यकता पर जोर दिया।
  3. आत्मनिर्भरता: सावरकर ने हमेशा आत्मनिर्भरता का समर्थन किया। उनका मानना था कि भारत को अपनी स्वतंत्रता और विकास के लिए आत्मनिर्भर होना चाहिए और विदेशी ताकतों से मुक्ति पाने के लिए इसे मजबूत बनाना चाहिए।
  4. न्याय और समानता: सावरकर ने भारतीय समाज में समानता और न्याय की आवश्यकता को महसूस किया। उनका उद्देश्य था कि समाज में सभी वर्गों को समान अवसर मिलें और जातिवाद जैसी सामाजिक बुराइयों से मुक्ति प्राप्त हो।

विनायक दामोदर सावरकर के बारे में मुख्य बातें:

  1. हिंदुत्व के विचारक: सावरकर हिंदुत्व के प्रमुख विचारक थे और उनके द्वारा विकसित की गई हिंदुत्व की अवधारणा आज भी भारतीय राजनीति में एक प्रमुख स्थान रखती है।
  2. सशस्त्र क्रांतिकारी: सावरकर ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सशस्त्र संघर्ष को महत्वपूर्ण माना और इसके लिए उन्होंने कई योजनाएँ बनाई।
  3. 1857 के विद्रोह के इतिहासकार: उन्होंने 1857 के विद्रोह को स्वतंत्रता संग्राम का पहला युद्ध घोषित किया और उसे ऐतिहासिक दृष्टि से पुनः प्रतिष्ठित किया।
  4. काले पानी की जेल में कैदी: सावरकर को ब्रिटिश शासन ने अंडमान के काले पानी की जेल में कड़ी सजा दी, जहां उन्होंने अपनी विचारधारा का विस्तार किया और कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं।
  5. विवादास्पद व्यक्तित्व: सावरकर के विचारों और उनके राजनीति में योगदान को लेकर कई विवाद रहे हैं, खासकर उनके हिंदुत्व विचार और गांधी जी की हत्या के मामले में उनका नाम जुड़ा।

वीर सावरकर के विचार, उनके संघर्ष और उनके योगदान भारतीय राजनीति और समाज पर गहरे प्रभाव डालते हैं, और उन्हें एक दृढ़ नायक के रूप में याद किया जाता है।