के. एस. सुदर्शन का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में योगदान (पांचवे सरसंघचालक)
के. एस. सुदर्शन 2000 से 2009 तक RSS के पांचवे सरसंघचालक रहे।
- उन्होंने स्वदेशी और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया, विशेषकर स्वदेशी जागरण मंच के माध्यम से।
- तकनीकी शिक्षा और आधुनिकता को संघ के कार्यों में शामिल किया, साथ ही आध्यात्मिकता और राष्ट्रवाद को जोड़ा।
- सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखी, विशेषकर धर्मांतरण और राष्ट्र विरोधी ताकतों के खिलाफ।
- उन्होंने वंचित वर्गों, महिलाओं, और युवाओं को संघ में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया।
उनके नेतृत्व में संघ ने स्वदेशी, सामाजिक समरसता, और आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए।